विषय
- #आशा
- #जीवन
- #प्रकाश
- #फल
- #प्रभु
रचना: 2024-06-15
रचना: 2024-06-15 20:00
सर्दी बीतकर बसंत आने पर
हरी-भरी पत्तियाँ उग आएँगी
मधुमक्खियों और तितलियों को बुलाएँगे
मधु के फूलों पर वचन सुनाएँगे
गर्मी बीतकर पतझड़ आने पर
शाखाओं पर पके हुए फल
लटकते हुए दिखाई देंगे
मेरा मन कैसे खुशहाल नहीं होगा
प्रभु के वचन के द्वारा उत्पन्न
जीवन के फल
इस संसार को भरने लगेंगे
ऐसी आशा मन में लाते हैं
आह, कितनी खुशी है
मेरे प्रभु
उनकी इच्छा पूरी होने दो
सदा सर्वदा के लिए
इस संसार को प्रकाश से प्रकाशित करो
सर्दी बीतकर बसंत आने पर
ऐसी आशा मन में लाते हैं
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