आने वाले काल्पनिक (कल्पित) संसार(मेटा वर्स, एलिसियन (Elysion); यूनानियों द्वारा कल्पित आदर्श स्थान) का मुकाबला करने के लिए,सनत्सु आर्ट ऑफ़ वार की तरह, दुश्मन को जानना होगा, इसलिए हमें उसकी प्रवृत्ति को समझना होगा।
मानव जाति को आभासी दुनिया में डुबो कर, उसकी सुविधा और आश्चर्य के भ्रम में डालने पर, मनुष्य पर क्या विपत्ति आएगी? आभासी और वास्तविक दुनिया में अंतर नहीं कर पाने वाले लोग तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जो वास्तव में एक भयानक बात है।
उत्पत्ति अध्याय 1
26. परमेश्वर ने कहा, "आओ हम अपनी ही समानता में, अपनी ही स्वरूप के अनुसार मनुष्य बनाएँ।और वह समुद्र के जीवों और आकाश के पक्षियों और सारे पृथ्वी के पशुओं और पृथ्वी पर रेंगने वाले सभी जीवों पर अधिकार करे।" (And God said, "Let us make man in our image, after our likeness:
27. तब परमेश्वर ने अपने ही स्वरूप के अनुसार मनुष्य की सृष्टि की, अर्थात्उसने परमेश्वर के स्वरूप के अनुसार मनुष्य की सृष्टि की; उसने उनको नर और नारी बनाकर सृजा।(So God created man in his own image, in the image of God created he him; male and female created he them.
इसलिए प्रभु की संतान को विवेक और बुद्धिमत्ता के साथ बुद्धिमानी से प्रतिक्रिया करनी चाहिए, और उन्हें अभी से तैयारी करनी चाहिए। चाहे वह आभासी हो या वर्तमान दुनिया, जीवन के इस बंधन से मुक्त होना ही मुख्य बात है।
सत्य, मार्ग और जीवन, ‘यीशु’ के प्रति समर्पण के जीवन के बारे में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। तभी हम सच्चा स्वातंत्र्य प्राप्त कर सकते हैं और तभी हम सच्चे जीवन की आशा कर सकते हैं।
‘खुर्मा’ पर दूसरी कहानी के अंत में, मेरे भाई ‘खुर्मा’ को खाने वाले इंसानों के ख़ुरमा बनने की प्रक्रिया के बारे में, ‘खुर्मा मर गया, लेकिन फिर जीवित हो गया, उस खुर्मा की कहानी’ पर हम क्या जवाब दे सकते हैं?
इसलिए, अब से आने वाली दुनिया को परास्त करते हुए, हमें एक दृढ़ जीवन जीना होगा जो उसका उत्तर दे सके।
2024. 11. 28. सच्चा मार्ग
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